अर्ज़् है…
खिडकी से देखा तो रस्ते पे कोई नही था
खिडकी से देखा तो रस्ते पे कोई नही था
.
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फिर रस्ते पे जाके देखा तो खिडकी मै कोई नही था
अर्ज़् है…
खिडकी से देखा तो रस्ते पे कोई नही था
खिडकी से देखा तो रस्ते पे कोई नही था
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फिर रस्ते पे जाके देखा तो खिडकी मै कोई नही था